सिद्धार्थनगर। जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 की अध्यक्षता एवं अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) उमाशंकर की उपस्थिति में राजस्व वाद एवं कर-करेत्तर की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी ने वसूली की समीक्षा करते हुए समस्त उपजिलाधिकारी/ तहसीलदार को निर्देश देते हुए कहा कि वसूली के कार्यो में तहसील की पूरी टीम विशेष रूचि लेकर वसूली करे, जिससे वसूली का प्रगति समस्त तहसीलों की बेहतर हो सके। घरौनी वितरण के लिए जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि समस्त तहसीलों में ग्राम पंचायत वार अलग कराकर रखी जाये। शासन द्वारा वितरण की तिथि आने के पश्चात घरौनी का वितरण किया जायेगा।
उन्होंने निर्विवाद वरासत की भी समीक्षा की। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्विवाद वरासत की प्रगति में विशेष सुधार लाकर प्रगति बढ़ाये। अवैध पट्टों की जो शिकायत प्राप्त हो रही है उसके निरस्तीकरण की भी कार्यवाही कराये। जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी/ तहसीलदार को निर्देश दिया कि निर्विवाद वरासत की कोई शिकायत मेरे पास नहीं आनी चाहिए। यदि किसी तहसील की शिकायत प्राप्त होगी तो संबधित तहसीलदार के विरूद्ध कठोर कार्यवाई सुनिश्चित की जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि समस्त उपजिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी न्यायिक, तहसीलदार/तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार प्रत्येक माह में 15-18 दिन कोर्ट में बैठकर वादो का निस्तारण करें। 05 वर्ष से ऊपर के वादो का शत्-प्रतिशत निस्तारण की कार्यवाही की जाये। तहसीलदार न्यायिक शोहरतगढ़ एवं नौगढ़ की प्रगति ठीक नहीं पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने न्यायालय से 70 प्रतिशत वादो का ट्रान्सफर उपजिलाधिकारी न्यायिक के कोर्ट में कर दिया जाये।
उन्होंने कर-करेत्त एवं मुख्य देयों की वसूली शत्-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश दिये। व्यापार कर परिवहन की वसूली अन्य देयों की वसूली, विद्युत देयो की वसूली को बढ़ाने के भी निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने रायल्टी की वसूली, नगर पालिका की वसूली तथा आबकारी की वसूली की भी समीक्षा की। लैण्ड बैंक रजिस्टर की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने समस्त तहसीलदारों को 20 सितम्बर तक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिये। इसके अलावा जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र आय प्रमाण-पत्र, हैसियत प्रमाण-पत्र की समीक्षा की गयी। सभी प्राकर के प्रमाण-पत्रों को जारी करने के लिए अनावश्यक रूप से लेखपाल लम्बित न रखे इसकी समीक्षा तहसीलदार अपने स्तर से करे। समस्त उपजिलाधिकारी/तहसीलदार प्रतिदिन जनसुनवाई करे।
इस अवसर पर समस्त उपजिलाधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी न्यायिक, समस्त तहसीलदार, समस्त तहसीलदार न्यायिक, नायब तहसीलदार, आर0ए0, सी.आर.ए., एलआरसी, जे.ए., जी.सी. लिपिक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।