उतरौला (बलरामपुर)। नहीं बना राप्ती नदी पर तटबंध, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में डर का माहौल, वादा करने के पश्चात भी नहीं कराया गया कार्य।
बलरामपुर भड़रिया तटबंध का गैप भरने की मांग जोर पकड़ने लगी है क्योंकि दो वर्ष पूर्व अक्टूबर महीने में आई भीषण बाढ़ से समूचे क्षेत्र में कोहराम मच गया था। लोगों के घरों में दो से तीन फिट पानी भर गया था, कितनी मवेशी, कितने लोग पानी में डूबकर अपनी जान गंवा दिए, उस वक्त को याद करते ही रोंगटे खड़े हो जाते है।
मोहन जोत के मनीराम यादव ने बताया कि बीते 50 वर्षाे में ऐसी दुर्दशा पहली बार अपनी आंखो से देखा था। अर्जुन भारती, गोपाल चौधरी, वीरेंद्र कुमार उपाध्याय, माधव शरन श्रीवास्तव, जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, दीना नाथ, अब्दुल मन्नान तथा नूर अहमद ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर बरसात के पूर्व राप्ती तटबंध का गैप भरने की मांग की है। हर वर्ष बलरामपुर भड़रिया तटबंध सही कराने की बात जिम्मेदारों से सुनी जाती है किंतु पहल आज तक नहीं हुआ।
माधव शरन श्रीवास्तव तथा मनीराम यादव ने कहा कि इस सरकार से बहुत उम्मीदें हैं। लोगों को पिछले वर्ष महुआ धनी श्रृंगार जोत चौराहे पर कार्यकर्ता मीटिंग के दौरान गोण्डा लोकसभा के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह राजा भैया और क्षेत्रीय विधायक राम प्रताप वर्मा ने वादा किया था कि अति शीघ्र तटबंध को बलरामपुर से भडरिया तक तटबंध को पूरी तरह दुरुस्त कर दिया जाएगा किंतु अभी तक कोई कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ। आज भी लोग बाढ़ की विनाशकारी लीला को याद कर इस वर्ष मे आने वाली बरसात होने से पूर्व ही पलायन के बारे में चर्चा किया जा रहा है।
राम धीरज जो बाढ़ मे अपनी आशियाना ढहते हुए अपनी आंखो देख चुके हैं स्थिति को याद कर भावुक हो गए। यही हाल पूरे क्षेत्र में रहने वाले लोगों की है। यह डर कब खत्म होगा?? कब इस क्षेत्र के लोग अपने को सुरक्षित महसूस करेंगे? यह एक यक्ष प्रश्न है जिसका जबाव हर क्षेत्रवासी अपने नेताओं से चाहता है।