लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने बारिश एवं ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि प्रदान करने के लिये धनराशि सम्बन्धित जनपदों को उपलब्ध करा दी गई। बारिश व ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति का आकलन कराकर प्रभावित किसानों को अविलम्ब मुआवजा राशि का वितरण सुनिश्चित कराया जाये।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को रबी सीजन की ई-खसरा पड़ताल के कार्य को आगामी 7 दिवस में पूरा कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य की दैनिक समीक्षा करें। आस्किंग रेट के अनुसार स्ट्रैटजी बनाये और सम्बन्धित कर्मियों के लिये टारगेट फिक्स करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि इजराइल जाने के लिए चयनित भारतीय श्रमिकों की आवश्यक औपचारिकतायें पूरी होने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिये। उनके अभिलेखों के परीक्षण, मेडिकल फिटनेस, पुलिस वेरीफिकेशन तथा पासपोर्ट आदि अन्य औपचारिकताओं को तेजी से पूरा कराया जाये। नये पंजीकरण के लिये ऑनलाइन व्यवस्था की जाये। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सरल होनी चाहिये।
इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जनपद को नशा मुक्त बनाने के लिये प्रत्येक माह एनकॉर्ड की अनिवार्य रूप से बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 9 मार्च को राष्ट्रीय लोक अदालत प्रस्तावित है। पूर्व की भांति लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराया जाये।
इससे पूर्व, जिलाधिकारी बांदा दुर्गा शक्ति नागपाल ने शिक्षित बाँदा: विकसित बाँदा के तहत ‘मोरी प्यारी पाठशाला’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास, जनसहभागिता, अध्यापकों के सहयोग तथा सतत मॉनीटरिंग के द्वारा बच्चों को अच्छा माहौल देने का प्रयास किया गया। विद्यालयों में कक्षायें शुरू होने से पूर्व 30 मिनट खेल एवं आउटडोर एक्टिविटी करायी जा रही है। इससे छात्रों का ड्राप आउट रेट कम और छात्रों की उपस्थिति में सुधार हुआ है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों व अध्यापकों को पुरस्कृत किया जा रहा है। बालिकाओं में खेलों के प्रति रुचि जागृत करने के लिये नारी शक्ति समागम के तहत मण्डल स्तर पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया।
इसी क्रम में, जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय ने गौ-आश्रय स्थल प्रबन्ध प्रणाली विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि डायल-112 की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष एक भी पशु से एक भी दुर्घटना घटित नहीं हुई है। पुलिस एवं मजिस्ट्रेट की सहायता से हॉट-स्पॉट को चिन्हित कर जनपद में शत-प्रतिशत निराश्रित गौवंश को संरक्षित करा लिया गया है। गौपालकों को भी खुले में अपने जानवरों को न छोड़ने के लिये प्रेरित किया गया। गौ आश्रय स्थल की निगरानी हेतु पोर्टल एवं मोबाइल एप का निर्माण कराया गया। सीसीटीवी कैमरे के द्वारा गौ आश्रय स्थलों पर नजर रखी जा रही है और गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव श्रम अनिल कुमार, सचिव नियोजन अनुराग यादव, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।