मथुरा। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने वीर दामोदर सावरकर की पुण्यतिथि पर उनका स्मरण करते हुए भारत सरकार से उन्हे भारत रत्न सम्मान देने की मांग की है। हिन्दू महासभा के ब्रज प्रांत अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सशस्त्र क्रांति के जनक थे। सम्पूर्ण स्वतंत्रता संग्राम का ताना बाना वीर सावरकर जी के आसपास ही था। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम से वीर सावरकर की भूमिका हटा दे तो स्वतंत्रता संग्राम में कहने सुनने के लिए कुछ बचता ही नहीं ।
हिन्दू महासभा के मथुरा जिला मीडिया प्रभारी भानु प्रकाश शर्मा ने जारी बयान में वीर सावरकर को भारत रत्न की मांग का समर्थन करते हुए बताया कि वीर सावरकर ने 1857 का स्वातंत्र्य समर की रचना कर प्रमाणित किया कि 1857 का संग्राम सैनिक विद्रोह न होकर स्वतंत्रता संग्राम था। उन्होंने 1857 का स्वातंत्र्य समर को आधुनिक युग की गीता घोषित करते हुए इस पुस्तक को स्नातक पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की ।
हिन्दू महासभा के एटा जिला अध्यक्ष रामेंद्र प्रताप सिंह ने एटा में वीर सावरकर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वीर शिवाजी के बाद वीर सावरकर ही हिंदुत्व का वास्तविक योद्धा जन्मा था। वीर सावरकर का नाम इतिहास में भले ही उपेक्षित रहा, किन्तु वो प्रत्येक सनातनी के हृदय में उसी तरह विराजमान है, जिस तरह भागवत श्रीराम अपने भक्त हनुमान के हृदय में अंकित थे।
हिन्दू महासभा के प्रदेश प्रचार मंत्री ऋषि कुमार शर्मा ने मथुरा में वीर सावरकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया। हिन्दू महासभा के जिला अध्यक्ष सागर चतुर्वेदी ने वीर सावरकर को नमन करते हुए युवा पीढ़ी से उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ कमलेश गौतम ने वीर सावरकर के हिन्दू राष्ट्र निर्माण को साकार करने का संकल्प लिया। हिन्दू महासभा के किसान प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष राहुल गौतम ने कहा कि वीर सावरकर को इतिहासकारों ने इतिहास में वो स्थान नहीं दिया, जिस स्थान के वह वास्तविक अधिकारी थे।
हिन्दू महासभा के एटा जनपद के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष प्रतीक यादव अध्यक्ष ने एटा में वीर सावरकर को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भीष्म पितामह बताया। प्रदेश उपाध्यक्ष दुष्यंत पचौरी ने हाथरस में वीर सावरकर को गांधी और नेहरू से अधिक महान बताते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय प्रचार मंत्री उपेन्द्र पाल सिंह ने वीर सावरकर के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए उन्हे अपने युग का सबसे बड़ा लेखक और साहित्यकार घोषित किया। निरंजन सिंह गुजर ने वीर सावरकर पर शोधार्थियों से शोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शोध पुस्तकों के माध्यम से वीर सावरकर के जीवन के अनछुए पहलुओं को आम जनता तक पहुंचाया जा सकता है ।
हिन्दू महिला सभा की ब्रज प्रांत टीम के व्यापार प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष नीतेश अग्रवाल, वैद्य प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मनोज दास, रामवीर सिंह पहलवान, सोमेंद्र शर्मा, भरत शर्मा, महाराष्ट्र से पधारी मुख्य अथिति कोमल जी सहित तमाम कार्यकर्ताओं द्वारा मथुरा में वीर सावरकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।