बलरामपुर। मदरलैंड पब्लिक स्कूल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता एवं पुरस्कार वितरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व ब्लाक प्रमुख चंद्रप्रकाश सिंह गुड्डू भैया द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के सांसद राम शिरोमणि वर्मा एवं विशिष्ट अतिथि रविंद्र गुप्ता, बृजेंद्र तिवारी, आकाश पांडे, कृष्ण गोपाल गुप्ता, सुनील चौधरी, भास्कर पटेल, प्रहलाद चौहान, सौरभ रत्न पांडे, गंगा शर्मा, सुंदरबाबू सिंह, तथा राजेश प्रताप सिंह उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का विद्यालय की प्रबंधिका मीरा कश्यप एवं प्रधानाचार्य अतुल गौरव ने माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह देकर के स्वागत किया। कार्यक्रम में खेलकूद प्रतियोगिताएं हुई, जिसमें खो-खो प्रतियोगिता में लड़कियों की टीम में रोशनी, पलक, गार्गी, स्नेहा, वैष्णवी वर्मा, अल्फिया बानो, सलोनी, हबीबा, आदित्य, मुस्कान, अर्पिता तथा लड़कों की टीम में मानस, विवेक यादव, आशुतोष यादव, पुनीत गौरव, अमित, प्रिंस यादव, अनुज चौहान, अभिषेक ओझा, हर्ष यादव, आलोक यादव एवं दिव्यांशु चौधरी रहे। रस्सी कूद में कक्षा 2 में प्रशांत जैसवाल, कक्षा 3 में आद्या साहू, कक्षा 4 में विशाल शर्मा, कक्षा 5 में अंशुमान तिवारी, कक्षा 6 में आशीष भारती, तथा कक्षा 7 में कमलेश कक्षा 8 में उत्कर्ष पांडे रहे।
क्रिकेट प्रतियोगिता में एमएस धोनी टीम ने विजय प्राप्त की। लूडो टीम में कक्षा 3 में प्रीति मौर्या, कक्षा 4 में शाबान अली, कक्षा 6 में अंकुश वर्मा, कक्षा 7 में मोहम्मद कुनैन तथा कक्षा 8 में अंशिका मिश्रा रही। कैरम प्रतियोगिता में कक्षा 4 में सत्यम मिश्रा, कक्षा 5 में प्रियांशु जायसवाल, कक्षा 6 में दिव्यांशु चौधरी कक्षा 7 में रजनीश जैसवाल, कक्षा 8 में देव मिश्रा रहे। साइकिल रेस प्रतियोगिता में कक्षा चार में सौरभ दिवाकर, कक्षा 5 में वैष्णवी वर्मा और विवेक यादव, कक्षा 6 में आशीष भारती, कक्षा 7 में अदिति यादव, और मोहम्मद कुनैन कक्षा 8 में रोशनी वर्मा और राजू यादव विजेता रहे। बच्चों को मेडल ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र देकर के सम्मानित किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाचार्य अतुल गौरव, अध्यापक रुद्र बहादुर सिंह, दीपक शर्मा, आराधना मिश्रा, कल्पना कश्यप, शिवांगी पाठक, पूजा साहू, मंजू सोनकर, गुड़िया साहू, साधूरी चौहान आदि अध्यापक एवं अध्यापिकाओं का विशेष योगदान रहा।