लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थारूओं के इतिहास को अजर-अमर बनाने तथा उनकी विरासत को संरक्षित करने के साथ ही उनके सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार कराकर उसको धरातल पर उतारने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि थारू जनजाति द्वारा देश की संस्कृति एवं विरासत को बचाने के लिए दिये गये बलिदान एवं योगदान को हमेशा स्मरण किया जायेगा। राज्य सरकार थारूओं के विरासत को संरक्षित करने के लिए कटिबद्ध है।
श्री सिंह आज यहां पर्यटन निदेशालय में नवनिर्मित थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय इमिलिया कोडर जनपद बलरामपुर के संचालन, प्रबंधन एवं रख-रखाव हेतु संस्कृति विभाग, उ0प्र0 एवं दीनदयाल शोध संस्थान नई दिल्ली के मध्य एमओयू के निष्पादन के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि थारूओं की मान्यता, परम्परा तथा संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए नेपाल की सीमा पर यह आधुनिक संग्रहालय का निर्माण कराया गया है। अब अगले तीस वर्षों तक इसका प्रबंधन एवं रख-रखाव दीनदयाल शोध संस्थान, नई दिल्ली द्वारा किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध विचारक नाना जी देशमुख ने वनवासी एवं जनजाति समुदाय के सामाजिक उत्थान के लिए एक अलख जगाई थी। श्री नाना जी ने कृषि, शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किये तथा ग्रामीण अंचलों के दबे-कुचले एवं वनवासी वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय थारू संस्कृति, विरासत, खान-पान, भेष-भूसा तथा उनके रहन सहन की पृष्ठिभूमि को आगे बढ़ाने तथा नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्थल के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि थारू जनजाति ने 700 वर्ष पहले महाराणा प्रताप एवं मुगल आक्रान्ताओं के साथ युद्ध में देश की असमिता, सांस्कृतिक विरासत को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान नई दिल्ली के महासचिव अतुल जैन ने कहा कि थारूओं के इतिहास को पुनर्जीवित करने तथा इनके योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का यह एक अच्छा अवसर है। उन्होंने दीनदयाल शोध संस्थान पर भरोसा करने के लिए राज्य सरकार के प्रति आभार जताया। प्रबंध निदेशक अश्वनी कुमार पाण्डेय ने थारू जनजाति के योगदान की सराहना की। निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र ने कहा कि यह संग्रहालय पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा तथा थारू संस्कृति को जानने के लिए पर्यटक उत्साहित होंगे। इस अवसर पर पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह ने भी अपने विचार रखे।
डा0 सृष्टि धवन निदेशक संग्रहालय निदेशालय संस्कृति विभाग ने डीडीआरआई तथा इस अवसर पर उपस्थित महानुभावों का आभार जताया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर उपनिदेशक पर्यटन कल्याण सिंह तथा तुहिन द्विवेदी सहायक निदेशक सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।