उतरौला (बलरामपुर)। सोमवार को बीआरसी सभागार में शिक्षामित्रों ने बैठककर आगामी नौ अक्टूबर को लखनऊ के इको गार्डन में होने वाले धरना प्रदर्शन को सफल बनाने की रणनीति बनाई।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला संरक्षक हामिद अली चौधरी ने कहा कि 25 जुलाई 2017 को समायोजन निरस्त होने के बाद से शिक्षामित्र का मानदेय 10 हजार रुपए प्रति माह ही है। इसमें 6 वर्षों के बाद भी कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि शिक्षामित्र को शिक्षक के अनुपात में दिखाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री कई बार विधानसभा में इसकी जानकारी भी दे चुके हैं लेकिन शिक्षकों के समान वेतन न देकर अल्प मानदेय पर ही काम कराया जा रहा है।
ब्लाक अध्यक्ष मोजिज़ अब्बास ने कहा कि शिक्षामित्र की आर्थिक स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है। उसके अपने जीवन के साथ-साथ वह अपने बच्चों का भविष्य संभालने में भी सक्षम नहीं हो पा रहा है। यदि सरकार शिक्षामित्र के मानदेय बढ़ाने व उनके नियमितिकरण के संदर्भ में आवश्यक कदम नहीं उठाती है तो आगामी नौ अक्टूबर को शिक्षामित्र लखनऊ में अपने मांगों को रखने के लिए धरना देने को मजबूर होंगे।
बैठक में अरविंद यादव, खेसाल सिद्दीकी, विमलेश यादव, शिवप्रसाद, आलोक श्रीवास्तव, फारूक अहमद, लक्ष्मी निवास, कल्पनाथ, छठी राम, विजयपाल, कलीम अहमद, राज किशोर, दिनेश जायसवाल, राम धीरज समेत दर्जनों शिक्षामित्र मौजूद रहे।