सीतापुर से आए छात्र-छात्राओं ने फॉरेंसिक लैब का किया भ्रमण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में जनपद सीतापुर के 10 विद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ के फॉरेंसिक लैब, परिसर भ्रमण एवं व्याख्यान का लाभ लेकर फोरेंसिक विज्ञान के महत्व एवं बारीकियों को सीखा स सीतापुर से आये बच्चों के लिये विशेष व्याख्यान सत्र का भी आयोजन किया गया था।
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ के संस्थापक निदेशक डॉ जी0के0 गोस्वामी ने बच्चों एवं उनके साथ आए शिक्षकों को फोरेंसिक विज्ञान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि फॉरेंसिक साइंस एक न्यूट्रल विज्ञान है, जो मात्र सत्य और न्याय का साथी है। उन्होंने कहा कि मौखिक साक्ष्य महत्वपूर्ण तो है ही परन्तु उसमें दूषित होने की संभावना हो सकती है लेकिन फॉरेंसिक साइंस दूषित नहीं हो सकती है, इसका आधार ही साक्ष्य में समाहित है और साक्ष्य कभी झूठ नहीं बोलते।
डॉ0 गोस्वामी ने छात्रों से कहा कि हमें सोते हुए भी जागना होगा तभी जाकर के हम अपने सपनों को पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन को सरल बनाने के लिए कठिन मेहनत जरुरी है। उन्होंने कहा कि एक शब्द होता है, एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी यदि आप एक्स्ट्रा नहीं करेंगे तो मात्र ऑर्डिनरी बने रह जायेंगे। हर दिन स्वयं से पूछना होगा कि आज हमने एक्स्ट्रा क्या किया ? हमें अपने महापुरुषों से प्रेरणा लेनी होगी, हमें इस उम्र में ही तय करना होगा कि हमें क्या करना है? क्या नहीं करना है?
संस्थान के निदेशक ने कानून पर प्रकाश डालते हुए न्याय, तार्किकता और पारदर्शिता तीन बातों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में विजन और मिशन दोनों महत्वपूर्ण हैं। जब तक आपका विज़न स्पष्ट नहीं होगा, तब तक आप अपने लक्ष्य से दूर रहेंगे, विज़न को मूर्त रूप देने के लिए मिशन मोड में आना होगा तभी आप सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि विज़न को पूर्ण करने के लिए आत्मविश्वास का भी होना सबसे महत्वपूर्ण है, जब तक आपके भीतर आत्मविश्वास नहीं होगा तब तक सफल नहीं हो सकेंगे।
इस अवसर पर अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस सजा के लिए नहीं बल्कि न्याय के लिए है और यह संस्थान न्याय के लिए कार्य करती है। फॉरेंसिक साइंस एक ऐसा विषय है, जिसे सीखने के लिए ललक और जिज्ञासा का होना जरूरी है। यह विज्ञान भी है, कानून भी है और तकनीक भी है, अगर आपके पास इच्छा शक्ति है तभी आप कुशल साइंटिस्ट बन सकते हैं। नए कानून में 7 साल से अधिक के सजा के केसेज में घटनास्थल पर फोरेंसिक एक्सपर्ट का विजिट अनिवार्य कर दिया गया है। इस दशा में यह संस्थान युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएं खोल रहा है।
जिलाधिकारी सीतापुर द्वारा विज्ञान लोकप्रियकरण एवं संचार कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान के छात्रों को जनपद सीतापुर से उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में फॉरेंसिक लैब एवं व्याख्यान सत्र में भाग लेने हेतु भेजा गया था, जिसमे जनपद सीतापुर के उजागर लाल इंटर कॉलेज, आरएमपी इंटर कॉलेज, राजा रघुबर दयाल इंटर कॉलेज, मिशन मेथोडिस्ट हाई स्कूल, सुमित्रा गर्ल्स इंटर कॉलेज, काल्विन इंटर कॉलेज महमूदाबाद, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज महमूदाबाद, इंटर कॉलेज महमूदाबाद, प्रकाश इंटर कॉलेज महमूदाबाद एवं सरदार सिंह इंटर कॉलेज महमूदाबाद के छात्रों एवं शिक्षकगण योगेश चन्द्र दीक्षित, कामिल मसूद हाशमी, विश्वजीत सिंह, अर्जुन श्रीवास्तव, मनोज कुमार, आर रस्तोगी, विशेष कुमार, नमिता अधिकारी, नवनीत पांडे, अभिषेक कुमार वर्मा एवं वीरेश प्रताप सिंह व्याख्यान सत्र में सम्मलित हुए।
जिला विज्ञान क्लब सीतापुर के तत्वाधान में उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ़ फॉरेंसिक साइंस में आए समस्त शिक्षकगणों को संस्थापक निदेशक डॉ0 जी0 के0 गोस्वामी ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। डॉ0 गोस्वामी ने इस अवसर पर जनपद सीतापुर की मेधावी छात्रा प्राची निगम को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि यह छात्रा वर्ष 2024 में उ0प्र0 बोर्ड के हाईस्कूल में सम्पूर्ण प्रदेश में सर्वाेत्तम अंक अर्जित की थी।
इस अवसर पर उपनिदेशक चिरंजीव मुखर्जी, प्रशासनिक अधिकारी अतुल यादव, जनसंपर्क अधिकारी संतोष तिवारी, प्रतिसार निरीक्षक बृजेश सिंह, डॉ0 विवेक कुमार, डॉ0 अजीत, डॉ0 अभिषेक उपाध्याय सहित संस्थान के अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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