श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में ‘रामायण से नेतृत्व की शिक्षा’ पाठ्यक्रम का हुआ आयोजन

लखनऊ। श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में ‘धरोहर’ मंच के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं के लिए ‘रामायण से नेतृत्व की शिक्षा’ पाठ्यक्रम की शुरुआत रामनवमी के अवसर पर 5 अप्रैल 2025 को गई थी, जिसका समापन 22 अप्रैल को किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रामायण के माध्यम से नेतृत्व के सिद्धांतों को समझना था। इस पाठ्यक्रम में रामायण में निहित कर्तव्य, धर्म, बुद्धिमता और नेतृत्व सिद्धांतों पर गहराई से चर्चा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इस्कॉन सदस्य आदित्य नारायण दास जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लाखों वर्षों के बाद भी हम राम के गुणों तथा नेतृत्व की तुलना करते हैं क्योंकि उनकी नैतिकता उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नेतृत्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज कौशल, ज्ञान तथा नैतिक मूल्य हैं।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ0 रश्मि चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में इस सत्र का महत्व और उद्देश्य स्पष्ट किया। कार्यक्रम में रामायण से प्रेरित नेतृत्व गुणों पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही यह भी बताया कि कैसे रामायण के सिद्धांतों को आधुनिक समय में लागू किया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने इंटरएक्टिव सत्र में भाग लिया, जिसमें उन्होंने अपने विचार साझा किए और रामायण के नेतृत्व सिद्धांतों के आधुनिक संदर्भ में उपयोग पर चर्चा की। कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि रामायण के नेतृत्व सिद्धांतों को आत्मसात कर हम अपने आधुनिक जीवन में उन्हें सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं। इस विचारोत्तेजक कार्यक्रम ने सभी प्रतिभागियों को न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से, बल्कि जीवन में नेतृत्व की भूमिका को समझने का एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के सहायक प्रोफेसरों ने सक्रिय रूप से योगदान किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, प्रति कुलाधिपति, कुलपति, कुलसचिव, आस्था मिश्रा, दिव्या अवस्थी, मंजू भारद्वाज, अन्य शिक्षकगण एवं छात्र तथा छात्राएँ उपस्थित रहें।
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