आदिकाल से आधुनिक युग तक चला आ रहा है गीता सार - आर0के0 पांडेय
मथुरा (संवाददाता आलोक तिवारी)। योगेश्वर, कर्मयोगी भगवान श्रीकृष्ण का जीवन, उनकी लीलाएं, उनके आदर्श आज हजारों वर्ष बाद भी मनुष्य के लिए प्रेरणा का केंद्र है। युद्ध के मैदान में अर्जुन को कही गई बातें आज भी गीता के रूप में समाज को दिशा दिखा रही है। “गीता” की शिक्षा से विश्व के लोगों के जीवन को आलोकित करने और सनातन संस्कृति से जोड़ने के लिए गीता जयंती के अवसर पर केएम विश्वविद्यालय के खेल मैदान में सामूहिक गीता पाठ किया गया, जिसमें विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी की अध्यक्षता में हजारों की संख्या में केएम परिवार के सदस्यों ने भाग लिया।
इस अवसर पर विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी ने कहा हम सभी ने गीता जयंती पर गीता का पाठ किया, गीता साक्षात भगवान की आत्मा है, गीता भगवान है, गीता में भगवान की आत्मा बसती है। घर में गीता के एक श्लोक को प्रतिदिन बोलने से गृहकलेश, विघ्न बाधाएं नष्ट हो जाती हैं।
दाऊजी मंदिर के पूर्व रिसीवर आर0के0 पांडेय ने कहा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा 5 हजार वर्ष पहले कौरव-पांडवों के युद्ध के बीच अर्जुन को जो कर्म की शिक्षा दी, उससे ही सनातन के पवित्र धर्मग्रंथ “गीता” की रचना हुई। पंचांग के अनुसार 11 दिसंबर को गीता जयंती मनायी जाती है। मथुरा में ज्ञानानंद महाराज के आह्वान पर मथुरा में सभी जगह सामूहिक गीता पाठ हुआ है। हमारी सनातन संस्कृति से जुड़ने के लिए पूरे विश्व में गीता का पाठ किया गया।
अस्पताल स्टाफ तथा एमबीबीएस व सभी संकायों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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