क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान में त्रैमासिक राजभाषा हिंदी कार्यशाला सम्पन्न
लखनऊ। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, लखनऊ भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद् द्वारा संचालित अनुसंधान केन्द्र के संगोष्ठी कक्ष में त्रैमासिक राजभाषा हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हेमांशु सेन मुख्य अतिथि वक्ता रहे।
कार्यक्रम का संचालन संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का स्वागत करते हुए हिन्दी अधिकारी डॉ0 कांबले पल्लवी नामदेव, अनु. अवध. (आयु.) ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान धन्वंतरि के पूजन से प्रारम्भ हुआ।
डॉ0 कांबले ने संस्थान में हिन्दी में किये जा रहे विभागीय कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अतिथि मुख्य वक्ता द्वारा वैश्विक पटल पर ‘हिंदी भाषा के बढ़ते कदम, आवश्यकता और सम्भावना’ के बारे में जानकारी दी गयी। अन्त में प्रभारी सहायक निदेशक डॉ0 संजय कुमार सिंह ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
हेमंत शुक्ला ने बताया कि आज कल सभी लोग आयुर्वेद पर ध्यान देकर इस पद्धति को आजमा रहे है क्योंकि इसमें कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। अगर कोई भी रोगी इसको पूर्ण रूप से दवा इस्तेमाल करता है तो जड़ से बीमारी ठीक हो सकती है।
What's Your Reaction?