ग्रामीणों ने की तटबन्ध निर्माण कराने की मांग
महुआ बाजार (बलरामपुर)। बलरामपुर भड़रिया तटबंध एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह तटबंध जनप्रतिनिधियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। चुनाव आते ही पक्ष हो या विपक्ष, सांसद हो या विधायक हर जुबां पर तटबंध को लेकर चर्चाएं होती हैं।
बताते चलें कि बलरामपुर से लेकर जनपद सिद्धार्थनगर के भड़रिया तक इस जनपद की सीमा है। उतरौला विधान सभा का अंतिम गांव रसूलाबाद है इसी गांव से सटा हुआ दूसरा गांव भड़रिया है जो कि सिद्धार्थ नगर में आता है इस नाते बलरामपुर भड़रिया तटबंध कहा जाता है। राप्ती के कछार में बसे हुए सैकड़ों गांव बाढ़ की विभीषिका से तबाह हो चुके लोगो को मानो वरदान मिल गया हो जब यूपी सरकार मे बैठी मायावती ने बलरामपुर से भड़रिया तटबंध बनाए जाने की घोषणा की। लोगो के चेहरे पर खुशी झलकने लगी यह बात वर्ष 2010 की है, कार्य प्रारंभ हो गया 67 किमी लंबा तटबंध पूरा भी हो गया, किंतु बीच बीच में कही रेगुलेटर लगाने के लिए, कही किसी और कारण से गैप छोड़ दिया गया जो आज तक नहीं बनाया गया। लंबे समय से क्षेत्रवासी इस तटबंध को लेकर जन प्रतिनिधियों से बनवाने की मांग कर रहे हैं, कई नेताओं ने वादा तो किया किंतु किसी ने पूरा नहीं किया।
पिछले वर्ष अक्टूबर माह में आई बाढ़ ने किसानों के फसलों के साथ साथ उनके हौसले भी पस्त कर दिए क्योंकि लोगों के घरों में पानी, घुस गया था जिससे भुखमरी की स्थिति बन गई। पशुओं के चारे पानी में सड़ चुके थे इस दौरान एक कार्यकर्ता मीटिंग के दौरान गोंडा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह राजा भैया और विधायक उतरौला राम प्रताप वर्मा ने क्षेत्रवासियों से वादा किया था कि बरसात के पूर्व ही तटबंध हर हाल में बनवा दिया जाएगा, बरसात आ भी चुका लेकिन तटबंध की स्थित आज भी जस की तस हैं।
67 किलो मीटर लंबी तटबंध मे सैकड़ों जगह लम्बी-लम्बी गैपिंग है। अल्लीपुर के पास, ऐलनपुर अतीक अहमद के खेत के पास बड़ा गैप, मिलौली बाघाजोत में शमशान घाट से लेकर राधे श्याम मौर्या के खेत तक काफी लम्बा गैप छोड़ दिया गया है ऐसे ही महुआ धनी जगमोहन यादव के घर से सुराहिया देयुर गांव तक, लल्लू प्रजापति के खेत से वंशी गुप्ता के घर तक गैप, 10मीटर से लेकर 500मीटर या इससे अधिक लंबे गैप इस तटबंध मे है, इस आधे अधूरे तटबंध के निर्माण की मांग जनता करती है और आधिकारी मरम्मत कार्य दिखा कर लाखो की कमाई कर जाते है।
यह जानकारी माधव शरन श्रीवास्तव, जनक राम वर्मा, शाह मोहम्मद, सांवल प्रसाद, रामू यादव, राम वरन वर्मा, अली हसन, जैनुल्लाह, विजय पाल, राज मणि आदि लोगों ने बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उपरोक्त किसानों का जमीन तटबंध के लिए एक्वायर तो कर लिया गया किंतु मुआवजा के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तटबंध बनवाने की मांग की है तथा आने वाले दिनों में तहसील दिवस में जिलाधिकारी को ज्ञापन देंगे बात न बनने पर धरना प्रदर्शन भी करेंगे।
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