जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जनपदीय सतर्कता समिति की बैठक

अमेठी। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी निशा अनंत की अध्यक्षता में प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के राजकीय चिकित्सकों (एलोपैथिक) के निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध हेतु गठित जनपदीय सतर्कता समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह द्वारा समिति के गठन एवं उद्देश्य की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई। सीएमओ ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारी डॉक्टर एलोपैथिक प्राइवेट प्रैक्टिस निर्बंधन नियमावली 1983 यथा संशोधित नियमावली 2003 व 2005 में प्राविधानों एवं शासन की मंशा के क्रम में जनपद के समस्त राजकीय चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि कोई भी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कदापि ना करें, यदि कोई चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जनपद के राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सकों से इस आशय का शपथ पत्र/प्रमाण पत्र भी लिया गया है कि उनके द्वारा कोई प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं की जा रही है। बैठक में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं समस्त अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को निर्देशित किया है कि आप स्वयं एवं आपके अधीन कार्यरत समस्त चिकित्सकों द्वारा उत्तर प्रदेश सरकारी डॉक्टर एलोपैथिक प्राइवेट प्रैक्टिस निर्बंधन नियमावली 1983 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, किसी भी चिकित्सक द्वारा उपरोक्त नियमावली का उल्लंघन किए जाने की पुष्टि होने पर संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए शासन को संस्तुति प्रेषित की जाएगी।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि कोई भी चिकित्सक मरीजों को बाहर से दवा ना लिखें। बैठक में जिलाधिकारी ने निरीक्षक अभिसूचना इकाई अमेठी को निर्देश दिए कि यदि कोई राजकीय चिकित्सक निजी प्रैक्टिस में लिप्त पाया जाए तो उसके विरुद्ध कार्यवाही हेतु सूचना साक्ष्य सहित उपलब्ध कराएं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीपी अग्रवाल, समस्त एमओआईसी, निरीक्षक एलआईयू सहित अन्य संबंधित उपस्थित रहे।
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