टप्पल के ग्राम भरतपुर को मिला ’’स्वच्छ सुजल गाँव’’ का दर्जा

अलीगढ़। विकासखण्ड टप्पल के ग्राम भरतपुर को ’’स्वच्छ सुजल गाँव’’ (स्वच्छ जल गाँव) का दर्जा दिया गया है। गांव ने हर घर में स्वच्छ पेयजल की पहुंच सुनिश्चित करके एक उल्लेखनीय उदाहरण स्थापित किया है और अब यह ’’हर घर जल मिशन’’ के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। इसके साथ ही भरतपुर एसबीएम ग्रामीण के तहत सोक पिट, डब्ल्यूएसपी और फिल्टर चौंबर द्वारा अपशिष्ट जल का 100 प्रतिशत प्रबंधन करता है।
जिले में विकास के मुखिया सीडीओ प्रखर कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भरतपुर ग्राम पंचायत की प्रधान श्रीमती नीलम देवी को वर्ष 2023 में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्वारा स्वच्छ सुजल सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत को दो बार मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। सीडीओ ने बताया कि ग्राम पंचायत में 11 सदस्य हैं, जिनमें से 04 महिला हैं। गॉव की जनसंख्या लगभग 1500 है और साक्षरता दर 95 प्रतिशत है।
उन्होंने बताया कि गांव में बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के लिये विस्तृत कार्य किये गए हैं, जिसमें प्राथमिक विद्यालय को शासन द्वारा 19 पैरामीटर पर संतृप्त किया गया। बाल हितैषी शौचालय, मल्टीलेयर हैण्डवॉश यूनिट, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास, वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे, बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर, खेल मैदान, मिड डे मील प्लेटफार्म, इको फ्रैण्डली इनवायरमेंट विकसित किया गया है। स्वास्थ्य के लिए हैल्थ कैम्प का आयोजन, अच्छे भोजन की व्यवस्था लगातार की जा रही है।
सीडीओ ने बताया गांव में महिला सशक्तीकरण के लिए उन्हें एनआरएलएम समूह के साथ जोड़कर रोजगारपरक बनाया जा रहा है, प्रेरणा बाजार भी विकसित किया जा रहा है साथ ही स्वास्थ्य की नियमित जाँच, शत-प्रतिशत टीकाकरण व महिलाओं के खान-पान (डाईट चार्ट के अनुसार पोषण) के लिये प्रेरित किया जा रहा है। घरेलू हिंसा के मामलों का भी निस्तारण करना ग्राम प्रधान की प्राथमिकता में रहता है।
उन्होंने बताया कि भरतपुर ग्राम पंचायत बेहतर जल प्रबन्धन के लिए जानी जाती है। सभी घरों को नालियों से जोडा गया है नाली के मध्य सिल्ट चौम्बर बनाये गये हैं नालियों के अन्तिम छोर पर फिल्टर चौम्बर, कृत्रिम वैटलैंड, डब्लू.एस.पी. व किचिन गार्डन का निर्माण किया गया है। ग्राम पंचायत का सारा पानी तालाबों तक पहुँचने से पहले काफी हद तक अच्छा हो जाता है। जीर्ण-शीर्ण कुँओं का सौन्दर्गीकरण भी कराया गया है। पाइन लाइन के माध्यम से हर घर स्वच्छ पेयजल पहुँचाया जा रहा है।
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