मुख्यमंत्री गुरु नानक देव जी महाराज के 555वें प्रकाश पर्व कार्यक्रम में हुए सम्मिलित

Nov 15, 2024 - 19:09
 0  7
मुख्यमंत्री गुरु नानक देव जी महाराज के 555वें प्रकाश पर्व कार्यक्रम में हुए सम्मिलित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पटेलनगर में गुरु नानक देव जी महाराज के 555वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होंने श्री गुरुग्रन्थ साहिब के सामने माथा टेका। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सरोपा एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री ने खालसा चौक पर माल्यार्पण किया। 

सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को प्रकाश पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सभी गुरु नानक देव जी महाराज की शिक्षा, मूल्यों एवं उच्च आदर्शों से प्रेरणा प्राप्त करके देश व धर्म के लिए निरन्तर कार्य करते रहेंगे। गुरु नानक देव जी का इस धरा धाम पर आगमन ऐसे समय में हुआ था जब यह देश विदेशी आक्रांताओं के हमलों को झेल रहा था। उस समय गुरु नानक देव जी ने देश की सुप्त चेतना को जाग्रत करने के लिए चार बार वृहत्तर भारत के साथ-साथ विश्व के विभिन्न देशों की यात्रा की थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने जन जागरण के माध्यम से लोक कल्याण के लिए एक व्यापक अभियान चलाया। कीर्तन करने, नाम जप करने, मिल बांटकर खाने की प्रेरणा आज भी सिख गुरुद्वारों में लंगर के रूप में बिना भेदभाव के देखने को मिलती है। गुरु नानक जी के द्वारा जो नींव रखी गयी थी, सिख गुरुओं की परम्पराओं ने देश एवं धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की सीमा तक जाकर के उस व्रत को निभाया।

उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी का जन्म ननकाना साहिब में हुआ था। आज ननकाना साहिब की स्थिति एवं उसके प्रति पाकिस्तान सरकार का क्या भाव है, यह हम सभी को विस्मृत नहीं करना चाहिए। कॉरिडोर के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अभियान पर कैसे इन्होंने बाधा डालने का प्रयास किया था। वर्ष 1947 में तत्कालीन भारत सरकार अगर चाहती तो ननकाना साहब भी भारत का हिस्सा होता। कीर्तन एवं अन्य इस प्रकार के आयोजन करने में सिख बन्धुआंे, भारतवासी को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होती। 

सीएम योगी ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने बाबर के हमलों का जमकर विरोध किया था। समाज को मिलजुल कर, एकजुट होकर, ईश्वर के आराधना के प्रति नाम जपने के लिए निरन्तर प्रेरित किया था। सन्मार्ग पर चलने की गुरु नानक देव जी के प्रेरणा से यह परम्परा आगे बढ़ी। वह भक्ति के रूप में आगे बढ़कर शक्ति के तेज पुंज के रूप में गुरु तेग बहादुर सिंह जी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज एवं गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहबजादे के त्याग व बलिदान के साथ हर भारतवासी पूरी कृतज्ञता के साथ जुड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 05 वर्ष पूर्व गुरु नानक देव जी महाराज के 550वंे प्रकाश वर्ष के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर भी कीर्तन दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। विगत 04 वर्ष से गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के साहबजादांे की स्मृति दिवस के कार्यक्रम को लगातार आगे बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री ने 26 दिसम्बर की तिथि को पूरे देश में वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की घोषणा से आज की युवा पीढ़ी को देश एवं धर्म के लिए नई प्रेरणा प्राप्त हो रही है।

उन्होंने कहा कि देश एवं समाज के लिए इन महान परम्पराओं के योगदान को समाज और राष्ट्र को कभी भी विस्मृत नहीं करना चाहिए, बल्कि इससे एक नई प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए। सजग एवं अपनी विरासत से प्रेरणा प्राप्त करने वाला समाज कभी भी परावलम्बी व गुलाम नहीं हो सकता।  

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow