प्रयागराज धर्म संसद में 1 लाख संत करेंगे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए शंखनाद - हरिशंकर दास
मथुरा (आलोक तिवारी)। गुरूवार को श्री पंच निर्माेही मालाधारी अखाड़ा परिक्रमा मार्ग में ब्रजमंडल के समस्त अखाड़ों के श्री महंतों की धर्म सभा का आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास द्वारा किया गया, जिसमें आगामी प्रयागराज में कुंभ के मध्य 23 जनवरी को होने वाली धर्म संसद की रूपरेखा तय की गई। इस अवसर पर सभी अखाड़ों के श्री महंतों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत हरिशंकर दास ने कहा कि भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि को मुक्त करना है। इसके लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा को पूर्ण समर्थन दिया जाता है। धर्म सभा में सरकार से गौ रक्षकों पर लगाए गये सभी मुकदमों को वापस लेने की भी मांग की गयी। उन्होंने बताया कि अखाड़ा परिषद की देखरेख में विशाल धर्म संसद का आयोजन 23 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा।
हिंदूवादी दिनेश शर्मा फलहारी ने कहा कि भारतवर्ष के समस्त अखाड़े सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। आज हमारे हिंदू संस्कृति इन्हीं के बल पर अनादि काल से जीवित एवं पोषित है। दिव्य शक्ति अखाड़ा के ब्रजमंडल अध्यक्ष पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि अब समय आ गया है जब समस्त सनातनी एक होकर हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करें।
पंचमाला धारी अखाड़े के महंत बृज गोपाल दास महाराज, पंच दिगंबर अखाड़ा के महंत सुखदेव दास महाराज, पांच रामानंदी निर्माणी के महंत विशंभर दास महाराज, नागा अखाड़ा के महंत बनवारी दास, विष्णु स्वामी अखाड़ा के महंत वेद बिहारी दास महाराज ने अपने-अपने संबोधनों में धर्म की रक्षा के लिए युवा पीढ़ी को शास्त्र सम्मत आचरण के माध्यम से कुरीतियों को त्यागने का आह्वान किया। धर्म सभा का संचालन दिव्य शक्ति अखाड़ा के ब्रज मंडल महामंत्री राजेश पाठक ने किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से महंत मदन मोहन दास जी महाराज निर्माेही अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अखाड़ा के महंत सुखदेव दास महाराज, कुंज बिहारी शास्त्री, कृष्ण बलराम गोस्वामी, शिवकुमार पाराशर, महंत विशंभर दास जी महाराज, पंच नीलामबरी के महंत भगवान दास महाराज, आनंद दास महाराज, बृज गोपाल दास, सुखराम सिंह कमल, प्रदेश महामंत्री राजेश कृष्ण शास्त्री, राकेश पाठक, कुंजन लाल शर्मा, कृष्ण दास, महंत राम बल्लभ दास, ज्ञानेंद्र आनंद शास्त्री आदि उपस्थित थे।
What's Your Reaction?