बीजेपी का संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान, कांग्रेस ने अमित शाह से इस्तीफे की मांग की

Dec 24, 2024 - 21:23
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बीजेपी का संविधान और बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान, कांग्रेस ने अमित शाह से इस्तीफे की मांग की

गौरीगंज। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा संविधान और उसके निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के चलते संसद का इतिहास एक विवादास्पद मोड़ पर पहुंच गया है। बीजेपी ने न केवल संविधान के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर होने वाली चर्चा को टालने का प्रयास किया, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया।

कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने सरकार से संविधान पर चर्चा करने की मांग की थी, लेकिन जब अडानी, मणिपुर, संभल जैसे मामलों पर बहस की मांग को लगातार ठुकराया गया, तो विपक्ष की संविधान पर चर्चा की मांग को स्वीकार किया गया। इस दौरान कांग्रेस और अन्य दलों ने सरकार को लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता याद दिलाई और बाबा साहेब के आदर्शों पर चलने की सलाह दी।

केंद्र सरकार की यह घोर असहमति भाजपा को रास नहीं आई और सत्तापक्ष ने विपक्ष को बोलने से रोकने का हरसंभव प्रयास किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में कहा कि ‘अब एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... अगर भगवान का नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ इस बयान ने डॉ. अंबेडकर के अपमान के रूप में व्यापक आलोचना का सामना किया।

इसके बाद, कांग्रेस और विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। हालांकि, मोदी सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और संविधान निर्माता के अपमान को अपराध मानने के लिए तैयार नहीं है। उलटे बीजेपी ने संसद की कार्रवाई को ठप कर दिया, और कांग्रेस सांसदों के साथ धक्कामुक्की की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गिरा दिया गया।

इसके अतिरिक्त, बीजेपी ने विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है, जब तक अमित शाह अपने पद से इस्तीफा नहीं देते।

बीजेपी और उनकी मातृसंस्था हमेशा से डॉ. आंबेडकर और संविधान के विरोधी रहे हैं। इन्होंने न केवल संविधान के निर्माण के दौरान विरोध किया, बल्कि डॉ. आंबेडकर को चुनाव हराने के लिए भी साजिश की थी।

गौरीगंज में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद किशोरी लाल शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र के लिए कई विकास कार्य किए हैं। उनके द्वारा एक करोड़ पांच लाख रुपये से 65 मरीजों का इलाज कराया गया, वहीं अग्नि पीड़ित 47 परिवारों की मदद की गई। बिजली के क्षेत्र में, 250 केवीए के 7 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं।

सड़क निर्माण के अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 106 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से 99 किमी सड़कों का लोकार्पण किया गया। साथ ही लगभग 39 सड़कों के नव निर्माण के लिए स्वीकृति प्राप्त की गई। 5 बाजारों में 49 सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगाए गए।

इसके अतिरिक्त, 6 ग्राम सभाओं में 60 प्रस्ताव दिए गए और केंद्रीय विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष संचालन के लिए शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा गया। सिंदुरवा रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण भी हुआ। बंद रेलवे ट्रेन के संचालन के लिए रेल मंत्रालय से पत्र लिखा गया और ठहराव हेतु भी पत्राचार किया गया।

सांसद ने संसदीय क्षेत्र से संबंधित कई गंभीर मामलों के लिए विदेश मंत्रालय से आवश्यक कार्यवाही की मांग की और पत्राचार तथा वार्ता की।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सांसद किशोरी लाल शर्मा, जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल, पूर्व विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह, प्रवक्ता अनिल कुमार सिंह, मुन्ना त्रिसुंडी और शुभम सिंह भी मौजूद थे।

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