दिन में भी अंधेरा रहता है जैंत-सहार मार्ग पर भूमिगत पुल के अंदर
संवाददाता आलोक तिवारी
मथुरा। जैंत-सहार मार्ग पर स्थित रेलवे के भूमिगत पुल में अंधेरा होने के कारण कभी भी भयंकर दुर्घटना घट सकती है, रेल प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। रेलवे ने पुल के अंदर प्रकाश की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की है, जिससे प्रतीत होता है कि रेलवे अधिकारियों को किसी हादसे की प्रतीक्षा है।
ग्राम पंचायत जैंत के पूर्व सदस्य ठाकुर रामकुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि मथुरा-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर वृंदावन रोड़ और अझई रेलवे स्टेशनों के मध्य गेट संख्या-534 जैत-सहार-बरसाना मार्ग पर स्थित भूमिगत पुल में रेल प्रशासन ने प्रकाश की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की है, जिससे पुल के अंदर दिन में भी अंधेरा रहता है।
उन्होंने बताया है कि जैत तुलसी की खेती और कंठी माला का उद्गम स्थल होने के साथ-साथ ब्रज का प्रमुख तीर्थ स्थल जय कुंड और भक्ति वेदांत गुरूकुल एवं अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय भी यहीं पर स्थित हैं। इन सबके अलावा अनेक स्थलों के लिए यहां से सुगम और शॉर्टकट संपर्क मार्गों एवं बढ़ते पर्यटन उद्योग के कारण यह अत्यंत ही व्यस्ततम मार्ग है।
अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं समाज कल्याण संस्थान के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव दीवान सिंह राजपूत, पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य ठाकुर रामकुमार सिंह, किसान नेता ठाकुर चंद्रपाल सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य ब्रजेश प्रताप सिंह, कंचन सिंह राजपूत, मोहन सिंह राजावत, तुलसीदास राजावत, बलवंतसिंह आदि ने चेतावनी देते हुए कहा है कि गेट संख्या- 534 जैंत-सहार-बरसाना मार्ग के भूमिगत पुल के अंदर प्रकाश की समुचित व्यवस्था के लिए शीघ्र ही हाईमास्ट ट्यूब लाईटें लगवाईं जाएं और गेट संख्या- 533 जैंत-मघेरा-राधाकुंड मार्ग के अधूरे पड़े भूमिगत पुल के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए, नहीं तो आक्रोशित लोगों का विस्फोटक रूप रेलवे प्रशासन की नींद हराम कर देगा।
What's Your Reaction?