पार्षद पति भाजपा नेता पर महंत ने लगाया गौशाला की जमीन पर कब्जाने का आरोप

Feb 6, 2025 - 16:03
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पार्षद पति भाजपा नेता पर महंत ने लगाया गौशाला की जमीन पर कब्जाने का आरोप

मथुरा (संवाददाता आलोक तिवारी) । भाजपा शासन काल में लगातार सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भूमाफियाओं पर कार्यवाही करने की बड़ी-बड़ी बातें करते दिखाई दे रहे हैं, किन्तु भाजपा के कर्णधार खुद भाजपा के मुख्यमंत्री की घोषणाओं का उपहास उड़ाते दिखाई दे रहे है।

जनपद में भाजपा के कुछ नेता पार्टी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को धूमिल करने की कोशिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते दिख रहे हैं। मथुरा वृंदावन नगर निगम की पार्षद नीलम गोयल के पति भाजपा महानगर अध्यक्ष के पद पर अपनी दावेदारी पेश करने वाले नेता हेमंत खंदौली पर मथुरा शहर के यमुना किनारे बने एक आश्रम के संत द्वारा सत्ता की हनक दिखाकर नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलकर आश्रम द्वारा संचालित गौशाला की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है।

महंत राधाचरण दास द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर एक ज्ञापन देते हुए हेमंत खंदौली और नगर निगम अधिकारी राकेश कुमार त्यागी पर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम अधिकारी के संरक्षण में भाजपा महानगर अध्यक्ष पद प्रत्याशी हेमंत खंदौली द्वारा उनकी संपति पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।

महंत राधाचरण दास ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिनांक 29 जनवरी 2025 को एक नोटिस जारी किया, जिसे उनके आश्रम पर 30 जनवरी 2025 को गोविंद दास को तामील कराया गया। नोटिस में साफ शब्दों में दर्शाया गया कि खसरा नंबर 07 जो कि राजस्व विभाग में रेत के ढेर के रूप में दर्ज है उस पर नगर निगम की संपति का बोर्ड भी लगा है उस पर अवैध निर्माण कर बाउंड्री वॉल और हनुमान मंदिर बना रखा है उसे 3 दिवस में अपने आप हटाने का आदेश पारित किया और उसी दिन नगर निगम के अमले के साथ आकर गौशाला की संपति में जो सरकारी अभिलेख में खसरा नंबर 9 में दर्ज है जिस पर इस नोटिस का कोई संबंध नहीं है पर जबरन घुस कर बुलडोजर के द्वारा गौ माता की लड़ामनी और पानी की टंकी और हनुमान मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया। महंत द्वारा तमाम नगर निगम के अधिकारियों को समझाने और कागजात दिखाने की कोशिश की पर उन पर पार्षद पति का दबाव हावी था जिसके कारण नगर निगम अधिकारियों ने एक ना सुनी।

उक्त संपति पर पूर्व में भी कुछ लोगों द्वारा जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई जिसका मथुरा के थाना गोविंद नगर द्वारा कार्यवाही करते हुए दोनों पक्षों को 107/16 में पाबंद करते हुए धारा 145 सीआरपीसी के अंतर्गत नगर मजिस्ट्रेट मथुरा को संदर्भित किया, जिस पर नगर मजिस्ट्रेट द्वारा खुद विवादित भूमि का निरीक्षण कर महंत राधाचरण दास का वर्षों पुराना कब्जा मानते हुए समाप्त कर दिया गया साथ ही थाना गोविंद नगर को शांति व्यवस्था सुनिश्चित कराने को निर्देशित किया।

गौ शाला की भूमि पर कब्जा करने की बात सुनते ही मथुरा जनपद के तमाम गौ रक्षक दल महंत राधाचरण दास के समर्थन में उतर आए, जिसमें मुख्य रूप से किसान गौ रक्षक सेवा दल द्वारा महंत राधाचरण दास के साथ मथुरा जिलाधिकारी कार्यालय के समीप बने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवास के पास धरने को बैठ गए। गौ रक्षकों का कहना था कि श्रीकृष्ण की नगरी में सरकारी तंत्र गौ माता को मथुरा से उजाड़ने पर तुली है, पहले मथुरा में जितनी गौचर भूमि थी, उसे भूमाफियाओं को सौंप दिया। अब मथुरा में बनी गौशालाओं को खुर्द-बुर्द करने पर तुली है, जो गौ माता की बात करता है उसे कालकोठरी में ठूस दिया जाता है अगर श्रीकृष्ण की नगरी में प्रशासन की यही मंशा रही तो वह दिन दूर नहीं जब गोपाल की नगरी में गौ माता के दर्शन दुर्लभ हो जाएंगे। 

गौ रक्षकों की योगी आदित्यनाथ सरकार से मांग है कि गौ माता के लिए चुनावी भाषण देने से काम नहीं चलेगा अगर वास्तविक गौ माता को आपकी सरकार बचाने के लिए कार्य कर रही है तो गौचर भूमि और गौशालाओं को भूमाफियाओं से बचाने का भी कार्य करना होगा। जिला प्रशासन और भाजपा शीर्ष नेतृत्व को महंत द्वारा लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच करा कर दूध का दूध और पानी का पानी सामने लाना चाहिए।

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