अधिकारियों की अनदेखी से लाखों रुपये की लागत से बना जैविक खाद केंद्र की स्थिति बदहाल

मथुरा। प्रदेश सरकार जनता की भलाई के लिए तमाम योजनाओं को लागू कर धरातल पर उतारती है, पर निचले पायदान पर बैठे अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश सरकार की योजनाओं में पलीता लगाकर बदहाल कर दिया जाता हैं, ऐसा ही एक मामला मथुरा के मांट तहसील के पानी गांव का सामने आया है।
मथुरा के मांट ब्लॉक की पानी गांव पंचायत में सरकारी जैविक खाद केंद्र की स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। लगभग दो वर्ष पूर्व लाखों रुपयों की लागत से बनकर तैयार हुआ यह केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को मजबूर है। जनता की मेहनत की कमाई के लाखों रुपए खर्च करने के बाद यह केंद्र आज तक शुरू नहीं हो पाया।
केंद्र की दुर्दशा का आलम यह है कि इसकी दो साल पूर्व बनी दीवारें तक टूटने लगी है, कुछ हिस्से में बड़ी-बड़ी दरारें भी साफ देखी जा सकती है। स्थानीय महिलाओं ने दीवारों के बाहर गोबर डालना भी शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे केंद्र के आगे गंदगी का अंबार लगता जा रहा है।
सूत्रों से ज्ञात हुआ कि आरआरसी जैविक खाद केंद्र पर निर्माण के बाद से कोई अधिकारी निरीक्षण करने तक नहीं पहुंचा। ग्राम सचिव की मानें तो इस केंद्र को बने हुए दो साल बीत चुके है। निर्माण की स्थिति देखने से प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य में कुछ बड़ा गोलमाल हुआ है। जैविक खाद केंद्र सिर्फ अभी तक शो पीस की तरह खड़ा है। मथुरा के आला अधिकारियों को जनता की गाढ़ी कमाई से बने ऐसे सभी सरकारी सम्पतियों को देखरेख कर सुरक्षित रखने का कार्य तत्काल प्रभाव से करना चाहिए।
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