जनपद में अवैध वाहनों की भरमार, हो रही है राजस्व की हानि

मथुरा (संवाददाता आलोक तिवारी)। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार भले ही प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दंभ भरती हो लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। एआरटीओ विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की मथुरा जनपद में लंबी फौज है, इसके बावजूद अनधिकृत रूप से बने वाहन, जिसमें बैटरी मोपेड और बैटरी रिक्शा जिनके बारे में सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि उनका निर्माण अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त लोगों द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा है और उनको ऊंची कीमत पर बेचकर मोटी कमाई की जा रही है।
गरीब मजदूर और अशिक्षित लोग जो नियम कानून के बारे में अनजान है, उन्हें यह कहकर बेचा जा रहा है कहीं पर भी इन वाहनों को चलाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। उन्हें बताया जा रहा है कि इनका पंजीयन भी नहीं होगा और बीमा करने की भी आवश्यकता नहीं है। उन्हें किसी प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं है। अवैध वाहन 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शहर और शहर के आसपास की सड़कों पर दौड़ते देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मोटरसाइकिल को मोडिफाइड कऱ लोडर रिक्शा के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इनकी संख्या भी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
इसी प्रकार जिले में डग्गेमार वाहन बिना किसी विभागीय परमिशन के स्वीकृत सवारी से अधिक भरकर लोगों की जान की परवाह न करते हुए संचालित हो रहे हैं। जिले में ट्रैक्टर ट्राली का भारी संख्या में कमर्शियल वाहन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है, ऐसा नहीं है इन सबकी जानकारी स्थानीय प्रशासन पुलिस और यातायात पुलिस के अलावा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और उनके अधीनस्थों को नहीं हो सब कुछ देखते हुए बापू के दिए गए मूल मंत्र का अनुसरण कर मुक दर्शन बनकर अपनी अनैतिक छुधापूर्ति करने में मस्त हैं। भले ही सरकार को कितनी ही राजस्व की हानि क्यों ना हो उनके ठेंगे पर।
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