फालैन में अबकी बार संजू पंडा गुजरेंगे होली के धधकते हुए अंगारों से

कोसीकलां (मथुरा)। गांव फालैन में होली के अवसर पर धधकते अंगारों के मध्य निकलने वाले पंडा के नाम पर पंचायत में सहमति बन गई। इस बार मोनू पंडा के बड़े भाई संजू पंडा को इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने की घोषणा के साथ पूरा मंदिर परिसर भक्त प्रह्लाद के जयघोषों से गुंजायमान हो उठा।
संजू को जिम्मेदारी मिलते ही वह तैयारियों में जुट गए। भक्त प्रह्लाद की लीला को साकार कर होली के दहकते अंगारों से निकलने की परंपरा का निर्वहन करने वाले मोनू पंडा ने इस लीला को साकार करने में असमर्थता जताने के बाद गांव में पंचायतों का दौर चला। मोनू ने लगातार 5 वर्ष से परंपरा निभाई। मोनू का तर्क था कि भक्त प्रहलाद का आदेश होने के बाद ही अंगारों से निकलने की परंपरा का निर्वहन किया जाता है।
पिछले कई वर्षों से कृपा मिलती थी और शरीर में भक्त प्रहलाद की शक्ति का प्रवेश होते ही परपंरा का निर्वहन हो जाता था। अबकी बार प्रह्लाद से शरीर में शक्ति का अहसास नहीं हो रहा है। अगर शक्ति मिली तो वह इस बार भी परपंरा का निर्वहन करेंगे।
पंचायत में मेला आचार्य भगवान सहाय, गोपाल पंडा, जीवनलाल, घनश्याम पंडित, जगदीश कौशिक समेत तमाम ग्रामीण गांव के प्रह्लाद मंदिर पर एकत्रित हुए, जिसमें मोनू पंडा के बड़े भाई संजू पंड़ा ने मेले का निर्वहन कराने की जिम्मेदारी की घोषणा की। संजू आठ बार अंगारों से चलकर परंपरा का निर्वहन करने वाले सुशील पंडा के पुत्र हैं। संजू ने बताया कि छोटे भाई मोनू से प्रह्लाद रूपी माला ग्रहण कर पूर्णिमा यानि 12 मार्च को गांव कीर्तन के साथ मंदिर में तप पर बैठ जाएंगे।
इस मौके पर प्रह्लाद चौधरी, गिर्राज सिंह, धर्मलाल, रूपी, वीरेंद्र, टीकम, खेमचंद, चरण सिंह, कमल चौधरी, हरकेश शर्मा आदि थे।
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