अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर आयोजित हुआ स्पोर्ट्स इवेन्ट
बहराइच। समग्र शिक्षा में समेकित शिक्षा एवं जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति के तत्वावधान में परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों हेतु अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर इन्दिरा गांधी स्पोटर््स स्टेडियम में आयोजित स्पोर्ट्स इवेन्ट का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने मॉ सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर परिषदीय विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना एवं स्वागतगीत, विशेश्वरगंज क्षेत्र के छात्र-छात्राओं द्वारा डांडिया नृत्य तथा दिव्यांश शुक्ला द्वारा शीर्षासन कर लोगों को योग के प्रति जागरूक किया गया। प्रतियोगिता में लगभग 250 खिलाड़ियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डीएम मोनिका रानी ने बेसिक शिक्षा एवं खेलकूद विभाग के साथ सहयोग प्रदान करने वाले एनजीओ के जिम्मेदारान तथा मौजूद सभी छात्र-छात्राओं को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में हैं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के सहारे अग्रणी मुकाम हासिल करें। उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर अभिनव पहल करते हुए 55 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को कतर्नियाघाट की सैर पर भेजा गया है। इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य यही है कि हमारे बच्चों का प्रकृति के साथ साक्षात्कार हो सके। डीएम ने कहा कि जो बच्चे भ्रमण पर जाने से वंचित रह गये हैं उन्हें अगले चरण में कतर्नियाघाट की विज़िट करायी जायेगी ताकि बच्चे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बने। स्पोर्ट्स इवेन्ट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं तथा उनके माता पिता को बधाई दी।
डीएम मोनिका रानी ने कहा कि संसार का कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं है। सभी में किसी न किसी चीज़ की कमी अवश्य होती है। लेकिन यह एक प्रकार का नैसर्गिंक न्याय है कि प्रकृति जब किसी व्यक्ति का कोई अंग या बुद्धिमत्ता को छीन लेती है तो उतनी ही खूबी के साथ ही उसकी भरपाई छठी इंद्री के माध्यम से कर देती है। उन्होंने कहा कि एक सामान्य व्यक्ति की तरह देख न पाने वाला व्यक्ति लोगों को उनकी आवाज़ मात्र से पहचान लेता है और कोई भी जटिल से जटिल वस्तु हाथ में आने पर वह स्पर्श मात्र से ही असली और नकली की पहचान कर लेता है। उन्होंने कहा कि जिसे हम अपनी भाषा में छठी इंद्री कहते हैं यह एक तरह से दिव्यांगजनों को ईश्वरीय उपहार है। डीएम ने सभी प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए नित्य नई ऊचाईयां छूने का आशीर्वाद दिया। डीएम ने जिला खेल अधिकारी आनन्द कुमार श्रीवास्तव के साथ विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार का वितरण किया।
प्रतियोगिता के दौरान अस्थि दिव्यांग एक हाथ व एक पैर की 50 मी. दौड़ के बाल वर्ग में नंदन त्रिपाठी, नवीन कुमार व गुलाब चन्द गुप्ता व बालिका वर्ग में शालिनी तिवारी, लक्ष्मी देवी व शान्ति तिवारी, अस्थि दिव्यांग दोनों पैर से दिव्यांग बालक वर्ग की 50 मी. दौड़ में दिव्यांश, मनोज व सगीर व बालिका वर्ग में पिंकी, बौद्धिक दिव्यांग 100 मी. दौड़ बालक वर्ग में प्रतीक, नियाज व सुशील व बालिका वर्ग में अर्चना, रिमझिम व महेक, मूक बधिर बालक 100 मी. दौड़ में पवन कुमार, जुनेद व अमानत व बालिका वर्ग में माही, नन्दनी व सना, दृष्टिहीन बालक वर्ग 50 मी. दौड़ में शशीकान्त व बालिका वर्ग में आकांक्षा व बिन्दु, छूकर पहचानों दृष्टिहीन बालिका वर्ग में आकांक्षा, कुर्सी दौड़ बालक वर्ग में जुनैद अजीज, इसरार व अमन यादव व बालिका वर्ग में लक्ष्मी, राधा व शालिनी तिवारी, सुलेख लेखन में निधि वर्मा, मो. काशिब व गुलाब चन्द गुप्ता, कला वर्ग में महेक श्रीवास्तव, माही सैनी व शालिनी तिवारी को क्रमश प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
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