मौत के सौदागर झोलाछाप डाक्टर बिना डिग्री के बन जाते हैं, जिम्मेदार मौन
सादुल्लाहनगर (बलरामपुर)। सरकार हर वर्ष स्वास्थ्य और चिकित्सा पर अरबों रुपए खर्च कर रही है। निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं का सुविधा दिया जाता है मगर हकीकत के धरातल पर जनपद में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं आम आदमी के लिए बेईमानी साबित हो रही है। जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रिफर सेन्टर बनकर रह गया है। सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारी में दी जाने वाली दवाएं नदारत रहती हैं और वहीं दवाएं सरकारी अस्पतालों के बाहर वाले मेडिकल स्टोर्स पर लिखी जाती है और मिल भी जाती है और इसलिए दवाएं बाहर से लिखी जाती है कि अन्दर दवा होती नहीं है और बाहर से दवा जब मरीज लाता है तो डाक्टरों को मोटा कमीशन भी मिल जाता है और जनता को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। इसी परेशानी के कारण आम आदमी बीमार होने पर अपने आसपास के बंगाली या कहें झोलाछाप डॉक्टरों के पास पहुंच जाते हैं। गांव में तो हर चौराहे पर हर गली में खुलेआम झोलाछाप डॉक्टर अपनी मेडिकल स्टोर की दुकान सजायें बैठे रहते हैं। कुछ लोग के पास तो डिग्री भी होती है और कुछ लोग तो ऐसे हो तो है जो कुछ महीने बड़े मेडिकल स्टोर पर जाकर नौकरी करते हैं और कुछ ही महीनों में आकर अपने आसपास मेडिकल स्टोर खोलकर बैठ जाते हैं और जनता के ज़िन्दगी से खिलवाड़ एवं आर्थिक शोषण भी कर रहे हैं। कुछ लोगों को तो ठीक से अंग्रेजी भी पढ़नी नहीं आती लेकिन जनता के सामने रौब किसी बड़े डाक्टर से कम नहीं रहता और कुछ लोग तो आपरेशन के नाम पर चीड़ फाड भी कर देते हैं।
मामला बिगड़ जाने की दिशा में मरीज को बडे अस्पतालों में भेज देते हैं जिससे उन्हें मोटा कमीशन भी मिल जाता है और कुछ मरीजों को तो समय से सही ईलाज न होने के कारण जान भी चली जाती है। देहातों में इस तरह से झोलाछाप डॉक्टर्स की जानकारी प्रशासन से लेकर पुलिसकर्मी तक को जानकारी होती है लेकिन गरीब मजबूर जनता से जान माल से खेलने वाले इन झोलाछाप/बंगाली डाक्टरों की स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सांठगांठ के चलते इनके हौसले बुलंद रहते हैं और इन सबके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई भी नहीं होती है। सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर ये सब झोलाछाप/बंगाली डाक्टर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को सुविधा शुल्क देते रहते हैं और जनता की जान से खेलने की छूट मिलती रहती है और खेल चलता रहता है।
जनपद बलरामपुर में झोलाछाप डॉक्टरों फैला मकड़जाल उतरौला, पेहर, रेहराबजार, घासी पोखरा, सरायखास, अचलपुर चौधरी, घुसवा, रमवापुर, सादुल्लाहनगर, मददोभटटा आदि जगहों पर रोड, सभी बाजारों एवं आसपास के गांवों में मिलेंगे देखते हैं। इन झोलाछाप/बंगाली डाक्टर पर कभी कोई कार्रवाई होगी या जनता की जान जाती रहेंगी, ये तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का जांच का विषय है।
What's Your Reaction?