शुद्ध पेय जल के लिए तरस रहे है ग्रामीण, दो वर्षों से अधूरा पड़ा है पानी की टंकी
महुआ बाजार (बलरामपुर)। दो वर्षाे से अधूरा पड़ा है टंकी का निर्माण कार्य, जिससे शुद्ध पानी के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं। कार्यदाई संस्था आधा अधूरा कार्य छोड़ कर चली गयी है।
विकास खण्ड उतरौला अंर्तगत ग्राम पंचायत तिलखी बढ़या की है, जहां दो वर्ष पहले जल जीवन मिशन द्वारा प्रारंभ हुआ टंकी बनाने का कार्य आज तक पूर्ण नहीं हुआ। बोरिंग करने के बाद चार दिवारी का कार्य शुरू हुआ वह भी आधा अधूरा। भारत सरकार ने शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी वाटर सप्लाई देकर गांवों को हाई टेक बनाना चाहती है साथ ही 500 मीटर से अधिक बोर की बोरिंग करवाने के पीछे सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को विकार रहित शुद्ध पानी मिले जिससे लोगों को दूषित पानी न पीना पड़े। किंतु कुछ ऐसी कार्यदाई संस्था को कार्य मिल गया है जो निहायत ही मनबढ़ प्रवृति के है जिन्हें शासन प्रशासन का कोई खौफ नहीं है।
बताते चले कि नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश (जल जीवन मिशन) के द्वारा दारा इफोप्रोक्शन (जेबी) को कार्य मिला 155.29 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था जो 24 अगस्त, 2024 को पूरी तरह पूर्ण करना था किंतु आज तक अधूरे कार्य को पूर्ण नहीं किया गया और न ही कोई देखने ही आ रहा है।
ग्रामीण भागवत प्रसाद मिश्रा, वेद व्रत मिश्रा, देवेन्द्र कुमार, मिश्रा दिलीप मिश्रा, राधे श्याम यादव, दुर्गा यादव ने बताया कि पूरे गांव के सड़को की स्थित पहले से ही खराब था ऊपर से जल जीवन मिशन द्वारा सड़कों को खोद दिया गया और उन्हें वैसे ही छोड़ दिया गया, जिससे कई लोगों को चोट आई और कइयों के मवेशियों को चोटिल होना पड़ा।
ग्रामीणों ने कहा कि न कोई सुनने वाला है और न ही कोई कार्य आगे बढ़ रहा है इससे तो अच्छा पहले ही था कम से कम सड़के तो नहीं खुदी थी। ग्रामीणों ने कहा यदि इसके जिम्मेदार इस माह में नहीं आए कार्य पुनः प्रारंभ नहीं किया गया तो हम लोग आंदोलन करने पर विवश होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था की होगी।
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